top of page

लगता है अब बलात्कारियों के लिए कैंडल मार्च नही रस्सी मार्च निकलना पड़ेगा

  • अखलाक खान
  • Jul 6, 2018
  • 2 min read

आजकल रेप, गैंगरेप छेड़छाड़ के इतने मामले सामने आते है और ऐसे ऐसे लोगों का नाम शामिल होता इन दरिंदगियो में मुझे लगता है कि लड़कियो को हर मर्द में हैवान नज़र आने लगा होगा। इन केशों से आम आदमी से लेकर राजनेताओं,धर्मगुरुओं, अभिनेताओं का नाम सामने आ चुका है। अभी हाल की कुछ घटनाओं पर नज़र डालते जिनमें उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के थाना देवबंद में शादी का झांसा देकर एक युवक ने महीनों तक एक युवती का कथित तौर पर यौन शोषण किया. इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के अनुसार पीड़ित युवती के पिता ने जब आरोपी के जीजा से मदद की गुहार लगाई तो जीजा ने अपने साले के साथ मिलकर पीडिता के साथ बलात्कार किया और उसकी वीडियो क्लिप बनाकर इंटरनेट पर डाल दी. दोनों ने युवती की शादी भी तुड़वा दी.

वही मथुरा में बच्ची का कथित तौर पर अपहरण और रेप की वारदात सामने आई है. इस मामले में चार लोगों पर आरोप लगा है. पीड़िता की मां ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा है कि आरोपी उसकी बेटी को उठा ले गये और उसके साथ रेप कर डाला.

और निर्भया गैंगरेप के बाद जिस रेप केश पर सबसे ज्यादा हंगामा हुआ वह कठुआ गैंगरेप था।कठुआ की अल्पसंख्यक घुमंतू जनजाति से जुड़ी आठ साल की एक बच्ची को दस जनवरी को मुख्य आरोपी सांजी राम के किशोर भतीजे और अन्य कुछ लोगो ने कथित रुप से अगवा कर लिया था और उस आठ साल की बच्ची के साथ हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थी 14 जनवरी को उसकी हत्या कर दी गयी. उसका शव 17 जनवरी को मिला. यह मामला हाईलाइट जब हुआ जब कुछ लोगो ने आरोपियों के समर्थन में तिरंगा यात्रा निकाली थी। इसके बाद तो इस हैवानियत की खबर ने पूरी दुनिया मे भारत की किरकिरी करवाई।

आखिर क्यों इन पर रोक नही लग पा रही। क्यो हमारे समाज हमारे देश में दिन प्रतिदिन ऐसी घटनाएं बढ़ रही है। यह बहुत ही चिंता का विषय।शायद निर्भया कांड में दरिंदो को तुंरत फाँसी हो जाती तो शायद यह मामले इतनी तेजी से नही बढ़ते।

ग्लोबल पीस इंडेक्स द्वारा 2017 की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि भारत महिलाओं के लिए चौथा सबसे खतरनाक देश होगा। महिलाओं और बाल विकास मंत्रालय द्वारा संकलित लिंग भेद्यता सूचकांक 2017 ने बिहार, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और झारखंड को सुरक्षा के मामले में नीचे चार पाया। डेटा देश में उचित कानून और व्यवस्था की स्थिति सुनिश्चित करने के लिए तत्काल आवश्यकता को उजागर करता है।

 
 
 

Comments


Who's Behind The Blog
Recommanded Reading
Search By Tags
Follow "THIS JUST IN"
  • Facebook Basic Black
  • Twitter Basic Black
  • Black Google+ Icon

Thanks! Message sent.

Also Featured In

    Like what you read? Donate now and help me provide fresh news and analysis for my readers   

Donate with PayPal

© 2023 by "This Just In". Proudly created with Wix.com

bottom of page